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मध्य प्रदेश के शासकीय कैलेंडर में भारतवर्ष का गौरव ‘विक्रम सम्वत्’ शामिल
उज्जैन। अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच मध्य प्रदेश की सरकार ने अपने राज्य के शासकीय कैलेंडर में भारतवर्ष का गौरव ‘विक्रम सम्वत्’ शामिल कर लिया है। इससे पहले इसमें शक् सम्वत ही शामिल था। इतना ही नहीं, कैलेंडर के प्रथम पेज पर श्रीराम मंदिर का छायाचित्र भी प्रकाशित किया है। राज्य के संस्कृति विभाग के अधीन संचालित महाराजा विक्रमादित्य शोधापीठ उज्जैन द्वारा प्रकाशित ‘विक्रम संवाद’ जनवरी 2024 का विशेष अंक भी ‘सम्राट विक्रमादित्य और अयोध्या’ पर केन्द्रित है।
इस विशेषांक में लेख है कि अपने राज्य को रामराज्य बनाने की अभिलाषा में भारत के गौरव, उत्कर्ष, धर्म, त्याग, वैभव और ज्ञान के प्रतीक उज्जैन के महान सम्राट विक्रमादित्य ने कई मंदिर बनवाए थे। अयोध्या में 240 नए मंदिरों का निर्माण कराया था और 60 प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया था। प्रबन्धकोश के अनुसार विक्रमादित्य ने राम के चरण पादुका की खोज में अयोध्या में उत्खनन करवाया था।
इतिहास बताता है- सम्राट विक्रमादित्य ने बसाई थी अयोध्या नगरी
अयोध्या का प्राचीन इतिहास बतलाता है कि वर्तमान अयोध्या सम्राट विक्रमादित्य ने ही बसाई है। सम्राट विक्रमादित्य देशाटन करते हुए संयोगवश सरयू नदी किनारे पहुंचे थे। तब विक्रमादित्य के हृदय में राम और राम की नगरी के प्रति श्रद्धा उमड़ी। उन्होंने अयोध्या नगरी से भी संवाद स्थापित किया। महाकवि कालिदास ने अपने काव्य रघुवंश के सर्ग सोलह में सम्राट विक्रमादित्य के उज्जैन से अयोध्या आने का वर्णन किया है। एक जनश्रुति में लेख है कि सम्राट विक्रमादित्य ने अयोध्या पर 80 वर्ष तक राज किया।
इनका कहना
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा विक्रमादित्य, उनके युग तथा भारत विद्या पर एकाग्र शोध के क्रम में विक्रम संवत् को लेकर किए शोध कार्य को प्रकाशित किया जा रहा है, इस विश्वास के साथ कि शोध कार्य से विक्रम संवत् को लेकर बहुत से पक्षों पर रोशनी पड़ सकेगी।